BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
जहाँ बिराजीं सारदा धन्न मइहर का भाग।
बंदूखैं गामैं लगीं, नल तरङ्ग का राग।।
@हेमराज हंस
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें