सोमवार, 29 अगस्त 2016

बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli kavita अब तुमहूं त कुछ करा खूस। hemraj h...

बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli kavita अब तुमहूं त कुछ करा खूस। hemraj h...: करा खूस  उंइ कहिन आज हमसे घर मां, अब तुमहूं त कुछ करा खूस। देखत्‍या है उनही तिपैं ज्‍याठ, तुम हया जड़ाने मांघ पूस॥ अरे कहूं रोप एकठे बिरब...

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