गुरुवार, 19 नवंबर 2015

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : हाँ हजूर हम दुइ कउड़ी के पै अपना कस नीच नही।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : हाँ हजूर हम दुइ कउड़ी के पै अपना कस नीच नही।: हाँ हजूर हम दुइ कउड़ी के पै अपना कस नीच नही।  छर छंदी के जीवन बाले माया मृग मारीच नही। ।  भले मशक्कत कै जिदगानी छान्ही तरी गुजारी थे  हमी...

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