सोमवार, 29 अगस्त 2016

bagheli kavita हे महादोगला हे अकही अकहापन कै पूंजी तुम।

 हे महादोगला हे अकही अकहापन कै पूंजी तुम।


हमकरी चेरउरी चुगुलखोर तुम सुखी रहा य देश मां।
तुम बइठे नक्‍कस काटा औ सब जन रहै कलेश मां॥
हे अकरमंन्‍न हे कामचोर सब कांपै तोहरे दांव से।
कड़ी मसक्‍कत के करता तक कांपै तोहरे नाव से॥
तुमसे सब है कार बार जस धरा धरी ही ‘शेष'मां।हे चापलूस चउगिरदा हेन तोहरै तोहार ता धाक हिबै।
औ तोहरेन चमचागीरी से हमरे नेतन कै नाक हिबै॥
तुम कलजुग के देउता आह्‌या अब माहिल के भेष मां।
हम...............
हे महादोगला हे अकही अकहापन कै पूंजी तुम।
बड़ा मजा पउत्‍या है जब आने कै करा नमूंजी तुम॥
गद्‌गद्‌ होय तोहार आतमा जब कोउ परै कलेश मां॥
हम................
हे मनगवां के कूकुर तुम चारिव कइती छुछुआत फिरा।
मुंह देखी मां म्‍यांउॅ म्‍यांउॅ औ पीठ पीछ गुर्रात फिरा॥
सगले हार तोहार धाक ही देस हो य परदेस मां।
हम.................
केतनव होय मिठास चाह छिन भर मां माहुर घोर द्‌या।
तुम भाई हितुआ नात परोसी का आपुस मां फोर द्‌या॥
तोहरे भिरूहाये मां पति.पत्‍नी तक चढ़िगे केस मां॥
हम...................
हे मंथरा के भाई तुम जय हो हे नारद के नाती।
नाईदुआ करत बागा बेटिकस डांक कै तुम पाती॥
हे रामराज्‍य के धोबी तुम घुन लाग्‍या अबधनरेश मां।
हम करी चेरउरी चुगुलखोर तुम सुखी रहा य देश मां॥
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