जे हमका जीबन दइन उनखे प्रति आभार।।
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शनिवार, 12 सितंबर 2020
भांज नही मिलै
अब एक रुपिया कै भांज नही मिलै।
गिरे के बाद भुंइ मा गाज नही मिलै।।
उंइ अब चुल्लू भर पानी लये ठाढ हें
पै बूड़ै का अटकर अंदाज नही मिलै।।
पुरखा
पुरखा हमरे निता घोंसला बनाऊथे।
रिबाज समाज का हौसला बढ़ाऊथें।।
हम पुरखन के करतब्ब कै बंदना करी थे
ता उंई तर्पन सराध का ढकोसला बताऊथें।।
हिन्दी
बपुरी आज बसिन्दी होइगै।
फाट के चिन्दी चिन्दी होइगै।।
बिना काज कै महतारी अस
भासारानी हिन्दी होइगै।।
रविवार, 6 सितंबर 2020
बुधवार, 19 अगस्त 2020
करोना
नीच चीन के पाप का, देस रहा है भोग।
रजधानी से गाँव तक बगरा छुतिहा रोग।।
कहां बची केसे बची, लुकी कहां ठे ओंट।
पेट धंधा से लगि रहा, हमी करोना छोटे।।
सोमवार, 17 अगस्त 2020
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