बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
लेबल
अटल जी
अटलबिहारी।
अम्मा
आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
आदि शंकराचार्य
कवि मैथलीशरण शुक्ल
कवि रवि शंकर चौबे
कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
कुण्डलिया
खजुलैयां
खेल
गोस्वामी तुलसीदास
ग्राम गौरव
घटना
जनम दिन
जयराम शुक्ल जी
तीजा
दशहरा
दीपाबली
दीपावली
दोहा
नवरात्रि
परसुराम
फागुन
बघेली कविता
बघेली कुण्डलिया
बघेली गीत
बघेली छंद
बघेली दोहा
बघेली बाल गीत
बघेली मुक्तक
बाबू जी
भेड़ा
मतदान
मुक्तक
मुक्तक बघेली
मैहर जिला
लक्ष्मण सिंह परिहार लगरगवाँ
लोकरत्न कक्का
शम्भू काकू
स्वागत
हरछठ
B.J.P.
bagheli
bagheli ghajal
BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
bagheli kavita
bagheli muktak
CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
GANESH PUJAN
MAIHAR DHAM
MAIHAR STATE
sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
शनिवार, 12 सितंबर 2020
हिन्दी
बपुरी आज बसिन्दी होइगै।
फाट के चिन्दी चिन्दी होइगै।।
बिना काज कै महतारी अस
भासारानी हिन्दी होइगै।।
यूरिया गोल!!
काहू का घंटा बजै औ काहू का ढोल।
पै किसान के खेत से होइगै यूरिया गोल।।
रविवार, 6 सितंबर 2020
श्राद्ध
सराध
बुधवार, 19 अगस्त 2020
करोना
नीच चीन के पाप का, देस रहा है भोग।
रजधानी से गाँव तक बगरा छुतिहा रोग।।
कहां बची केसे बची, लुकी कहां ठे ओंट।
पेट धंधा से लगि रहा, हमी करोना छोटे।।
सोमवार, 17 अगस्त 2020
कान्हा जनम उराव hemraj hans
रिमझिम बदरी कइ रही भींजै नगरी गाँव।
मानो भादव कइ रहा कान्हा जनम उराव।।
रविवार, 16 अगस्त 2020
भारत रत्न अटल जी
भारत माता के रतन लाड़िल अटल लोलार।
जन जन के हिरदय बसें दीन्हिस देस दुलार।।
अटल बिहारी देस के उज्जर एक चरित्र।
उनखे अस को देस मा भला बताबा मित्र।।
भारत के नेतन निता अटल एक इसकूल।
देस देय श्रद्धांजली सादर आंखर फूल।।
उनही सौ सौ नमन Bagheli kavita hemraj hans
उनही सौ सौ नमन जे कीन्हिन जीबन हूम।
बंदे मातरं बोल के गें फाँसी मा झूम।।
जिनखे माथे पूर भा आजादी का जग्ग।
हम भारत बासी हयन उनखर रिनी कृतग्ग।।
गुंडन का न मारा Bagheli kavita
गुंडन का न मारा काल्ह नेता बन जई।
पाथर जब खिअई ता रेता बन जई।।
कनून बनाई पबित्र सदन मा बइठ के
हमरे संबिधान का बिधि बेत्ता बन जई।।
शनिवार, 15 अगस्त 2020
खजूलइयां रिमही साहित्य
खजुलइयां लइके मिला, हमरे गांव का नेम।
द्यखतै जिव हरिआय गा, परिपाटी का प्रेम।।
रविवार, 12 जुलाई 2020
भुतबा नहीं रहै
बेसाही सरकार का रुतबा नही रहै।
जइसा कठपुतरी मा सुतबा नही रहै।।
भले पूजा जिंद बरम बीस ठे खबीस
पै हनुमान चलीसा बांचा त भुतबा नहीं रहै।।
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
व्यंग्यकार के व्यंग सुनाकर आप अपने को हंसने से नहीं रोक पाएंगे #chitrako...
मइहर जिला शारद नगरी।
मैहर जिला ---------------------------------- मइहर जिला शारद नगरी। जेखर कीरती जग बगरी।। पहिलय पूजा करै नित आल्हा। रोज चढ़ाबै ...
bagheli kavita मिलब सांझ के hemraj hans
बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...