शनिवार, 15 अगस्त 2020

खजूलइयां रिमही साहित्य

खजुलइयां लइके मिला, हमरे गांव का नेम। 
द्यखतै जिव हरिआय गा,  परिपाटी का प्रेम।। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें