जानता हूँ कल कलम की लाश मिलेगी। लेखनी की टूटी हुई साँस मिलेगी। । भ्रष्टाचारियों के स्मारक बनेंगे देश भक्तों की चिता पे घास मिलेगी। । हेमराज हंस ==मैहर =
जातिवाद के माथे परंगत नही परै। कार्बाइट से पके फल मा रंगत नही परै।। चाह जउन जात केर होय धन्ना सेठ पै गरीबन के साथ ओखर पंगत नही परै। । हेमराज हंस === मैहर