लेबल
- अटल जी
- अटलबिहारी।
- अम्मा
- आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
- आदि शंकराचार्य
- कवि मैथलीशरण शुक्ल
- कवि रवि शंकर चौबे
- कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
- कुण्डलिया
- खजुलैयां
- खेल
- गोस्वामी तुलसीदास
- ग्राम गौरव
- घटना
- जनम दिन
- जयराम शुक्ल जी
- तीजा
- दशहरा
- दीपाबली
- दीपावली
- दोहा
- नवरात्रि
- परसुराम
- फागुन
- बघेली कविता
- बघेली कुण्डलिया
- बघेली गीत
- बघेली छंद
- बघेली दोहा
- बघेली बाल गीत
- बघेली मुक्तक
- बाबू जी
- भेड़ा
- मतदान
- मुक्तक
- मुक्तक बघेली
- मैहर जिला
- लक्ष्मण सिंह परिहार लगरगवाँ
- लोकरत्न कक्का
- शम्भू काकू
- स्वागत
- हरछठ
- B.J.P.
- bagheli
- bagheli ghajal
- BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
- bagheli kavita
- bagheli muktak
- CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
- GANESH PUJAN
- MAIHAR DHAM
- MAIHAR STATE
- sahitya
- SAMMAN PATRA
- SHLOK
सोमवार, 14 सितंबर 2015
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पै न कह्या हरामी भाई। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पै न कह्या हरामी भाई। ।: बघेली गजल ठोंका तुहू सलामी भाई। भले देखा थी खामी भाई। । केत्तव मूसर जबर होय पै वमै लगा थी सामी भाई। । सत्तर साल के लोक तंत्...
सोमवार, 7 सितंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।: मुक्तक सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै। बर्रइया के छतना मा लाख नही निकरै। । जनता कराहा थी भ्रष्टाचार से औ नेतन के मुँह से भाख...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : मुक्तक राजनीत का जलसा देखा। बिन बाती का कलशा दे...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : मुक्तक राजनीत का जलसा देखा। बिन बाती का कलशा दे...: मुक्तक राजनीत का जलसा देखा। बिन बाती का कलशा देखा। । ''डेंगू'' का उपचार कइ रहा मन मा सुलगत करसा देखा हेम...
सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।
मुक्तक
सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।
बर्रइया के छतना मा लाख नही निकरै। ।
जनता कराहा थी भ्रष्टाचार से
औ नेतन के मुँह से भाख नही निकरै। ।
हेमराज हंस
गुरुवार, 3 सितंबर 2015
महाभारत मा शिखण्डी से काम परा थै। ।
मुक्तक
राज पथ का पगडण्डिव से काम परा थै।
महाभारत मा शिखण्डिव से काम परा थै। ।
तुम हमरे टटबा कै तउहीनी न करा
गाँव मा बोट के मंडीव से काम परा थै। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।: मुक्तक कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय। जनता कुरसी कै चाकर नही होय।। उई बहुरूपियन का जाके बता द्या समय के केमार मा सॉकर नही हो...
hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
मुक्तक
कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
जनता कुरसी कै चाकर नही होय।।
उई बहुरूपियन का जाके बता द्या
समय के केमार मा सॉकर नही होय। ।
हेमराज हंस
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
-
मैहर जिला ---------------------------------- मइहर जिला शारद नगरी। जेखर कीरती जग बगरी।। पहिलय पूजा करै नित आल्हा। रोज चढ़ाबै ...
-
बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...