बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
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BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
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CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
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MAIHAR STATE
sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
गुरुवार, 3 सितंबर 2015
महाभारत मा शिखण्डी से काम परा थै। ।
मुक्तक
राज पथ का पगडण्डिव से काम परा थै।
महाभारत मा शिखण्डिव से काम परा थै। ।
तुम हमरे टटबा कै तउहीनी न करा
गाँव मा बोट के मंडीव से काम परा थै। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
: मुक्तक कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय। जनता कुरसी कै चाकर नही होय।। उई बहुरूपियन का जाके बता द्या समय के केमार मा सॉकर नही हो...
हेमराज हंस
राजनीत के धन्धा मा फायदा रहा थै।
मूंठी मा कानून कायदा रहा थै। ।
हेमराज हंस
hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
मुक्तक
कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
जनता कुरसी कै चाकर नही होय।।
उई बहुरूपियन का जाके बता द्या
समय के केमार मा सॉकर नही होय। ।
हेमराज हंस
सोमवार, 31 अगस्त 2015
जनता उनका मरम देखती है।
कितनी बची है शरम देखती है। ।
हेमराज हंस
शनिवार, 29 अगस्त 2015
सामर सामर हाथ मा जइसा गदिया गोर।।
दोहा
मन मेहदी अस जब रचा आँखिन काजर कोर ।
सामर सामर हाथ मा जइसा गदिया गोर।।
हेमराज हंस 9575287490
खजुलइया लइके मिला जब बचपन का प्रेम।
दोहा
खजुलइया लइके मिला जब बचपन का प्रेम।
आँखिन से झांके लगा समय चित्र का फ्रेम। ।
हेमराज हँस
अपने तिथ तिउहार का गाँव समेटे गर्व। ।
दोहा
गदिअय
खजुलइया धरे कजरी गाबै पर्व।
अपने तिथ तिउहार का गाँव समेटे गर्व। ।
हेमराज हँस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --...
: दोहा साहब सलाम औ पैलगी गूंजै राम जोहर। अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --9575287490
अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --9575287490
दोहा
साहब सलाम औ पैलगी गूंजै राम जोहर।
अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। ।
हेमराज हंस --9575287490
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bagheli kavita मिलब सांझ के hemraj hans
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