बुधवार, 22 जुलाई 2015

kavi hemraj hans जिसकी छाती दहक रही है उसके अंतर मन से पूंछ।

मुक्तक 

जिसकी छाती दहक रही है उसके अंतर मन से पूंछ। 
वृक्ष कटे जिन अरमानों के तू उस नंदनवन से पूंछ। । 
सुविधाओ से लवारेज है फिर भी चैन नदारत है 
सुखा दिया है क्यों तेरा सुख उत्तर अपने धन से पूंछ। । 
  हेमराज हंस   9575287490 

बुधवार, 8 जुलाई 2015

hemraj hans सेवा रूपी दलों को गिरोह न बनाइये। ।

मुक्तक 

घर को कंदरा खोह न बनाइये। 
सामंजस्य को विद्रोह न बनाइये। । 
चरित्र से ही देश की पहचान होती है 
सेवा रूपी दलों को गिरोह न बनाइये। । 
हेमराज हंस --9575287490 

hemraj hans भले अभावों से सदा रहे जूझते जंग।


भले अभावों से सदा रहे जूझते जंग। 
पर जीवन के चित्र में हो ईमान का रंग। । 
हेमराज हंस --9575287490 

रविवार, 5 जुलाई 2015

शनिवार, 4 जुलाई 2015

hemraj hans मदरसों की बात करते हैं। ।


वे आदर्शों की बात करते हैं। 
बीते वर्षों की बात करते हैं। । 
जिनके बच्चे वहां नही पढ़ते 
वे सरकारी स्कूल औ
 मदरसों की बात करते हैं। । 
हेमराज हंस --9575287490 

गुरुवार, 4 जून 2015

BAGHELI SAHITYA: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।

BAGHELI SAHITYA: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।  जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। ।  वह देश भक्त सा दिखता है मंच में  पैसे के लिए वह लिखता...

ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।

ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है। 
जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। । 
वह देश भक्त सा दिखता है मंच में 
पैसे के लिए वह लिखता कवित्र है। । 
हेमराज हंस 
  

मंगलवार, 2 जून 2015

BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...

BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक। :  दोहा  गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।  गद्गद है माँ शारदा पुलकित तीनों ल...

BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...

BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक। :  दोहा  गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक।  गद्गद है माँ शारदा पुलकित तीनों ल...

BAGHELI SAHITYA: व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।

BAGHELI SAHITYA: व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।: मुक्तक  व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।  दूर करेंगे खाक वे भ्रष्टाचार का रोग। ।   भ्रष्टाचार का रोग पनपता गहरी जड़ में।  ...