ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।
जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। ।
वह देश भक्त सा दिखता है मंच में
पैसे के लिए वह लिखता कवित्र है। ।
हेमराज हंस
जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। ।
वह देश भक्त सा दिखता है मंच में
पैसे के लिए वह लिखता कवित्र है। ।
हेमराज हंस
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