मुक्तक
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ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
घोटालों के फरार जुर्मी सलेण्डर हो रहे है। ।
लगता है प्रगति की टांग तोड़ी जायेगी
देश में बैसाखियों के टेण्डर हो रहे है। ।
हेमराज हंस ---9575287490