रविवार, 29 सितंबर 2024

बहिनी बिटिआ पी रहीं,

 भइंसासुर का पाप है, देस मा चारिव खूंट।

बहिनी बिटिआ पी रहीं, नित अपमान का घूंट।।

हे महिसासुर मर्दनी, अपनै से एक आस।
अत्याचारिन का करा, तुक तुक हरबी नास।।
नारी सूचक गालियां दिन भर देते साठ।
वे भी सादर कर रहे दुर्गा जी का पाठ।।

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