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गुरुवार, 4 जून 2015
BAGHELI SAHITYA: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।
BAGHELI SAHITYA: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।: ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है। जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। । वह देश भक्त सा दिखता है मंच में पैसे के लिए वह लिखता...
ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।
ये मेरे देश में आज के कवि का चरित्र है।
जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। ।
वह देश भक्त सा दिखता है मंच में
पैसे के लिए वह लिखता कवित्र है। ।
हेमराज हंस
जिसकी कविता का निमित्त मात्र वित्त है। ।
वह देश भक्त सा दिखता है मंच में
पैसे के लिए वह लिखता कवित्र है। ।
हेमराज हंस
मंगलवार, 2 जून 2015
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक। : दोहा गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्लोक। गद्गद है माँ शारदा पुलकित तीनों ल...
BAGHELI SAHITYA: BAGHELI SAHITYA: गूंजे मइहर धाम में स्वस्ति ऋचा श्...
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BAGHELI SAHITYA: व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।
BAGHELI SAHITYA: व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।: मुक्तक व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग। दूर करेंगे खाक वे भ्रष्टाचार का रोग। । भ्रष्टाचार का रोग पनपता गहरी जड़ में। ...
व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।
मुक्तक
व्यवसायिक साझेदार हों जहां विपक्ष के लोग।
दूर करेंगे खाक वे भ्रष्टाचार का रोग। ।
भ्रष्टाचार का रोग पनपता गहरी जड़ में।
जैसे लगता जंग बन्धु लोहे के छड़ में। ।
नाटक देखो कोस रहे वो पकड़ के माइक।
सिद्धान्तों की बलि लेता है हित व्यवसायिक। ।
हेमराज हंस --9575287490
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