रात रात भर किहन तरोगा हम जेखे अगुवानी मा।
बड़े सकारे मरे मिले उई एक चुल्लू भर पानी मा ।।
खुब पैलगी होथी जेखर औ समाज मान हबै।
उनही सॉझ के हम देखे हन गिरत भजत रसदानी मा। ।
बड़े सकारे मरे मिले उई एक चुल्लू भर पानी मा ।।
खुब पैलगी होथी जेखर औ समाज मान हबै।
उनही सॉझ के हम देखे हन गिरत भजत रसदानी मा। ।
bagheli
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