बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
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अटल जी
अटलबिहारी।
अम्मा
आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
आदि शंकराचार्य
कवि मैथलीशरण शुक्ल
कवि रवि शंकर चौबे
कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
कुण्डलिया
खजुलैयां
खेल
गोस्वामी तुलसीदास
घटना
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जयराम शुक्ल जी
तीजा
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दोहा
नवरात्रि
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sahitya
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रविवार, 4 जनवरी 2015
नहीं बनाबै बार
बघेली साहित्य
चाहे हेन ज्याखर रहइ कुरसी औ दरबार।
कउन गडारी गडराय
नहीं बनाबै बार
। ।
शुक्रवार, 2 जनवरी 2015
तुम हमार आँसू देखा हम तोर
तुम हमार आँसू देखा हम तोर बिदुरखी देखीथे।
हाथे मा रिमोट लये हम आपन कुरकी देखीथे। ।
कोउ नहि आय दूध का धोबा राजनीत के धंधा मा
साँझ सकारे चाय पिअत हम खबर कै सुरखी देखीथे। ।
»
दोहा
राखी टठिआ मा धरे बहिनी तकै दुआर।
रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार । ।
गुरुवार, 1 जनवरी 2015
हम दयन नये साल कै बधाई।
फलाने कहिन तोहई लाज नही आई। ।
पाँव हे मंगल मा हाथ मा परमाणु बम
पेट मा बाजथी भूख कै शहनाई। ।
bagheli muktak: रात रात भर किहन तरोगा हम जेखे अगुवानी मा। बड़े सका...
bagheli muktak: रात रात भर किहन तरोगा हम जेखे अगुवानी मा।
बड़े सका...
: रात रात भर किहन तरोगा हम जेखे अगुवानी मा। बड़े सकारे मरे मिले उई एक चुल्लू भर पानी मा ।। खुब पैलगी होथी जेखर औ समाज मान हबै। उनह...
अखिल भारतीय साहित्य परिषद || AKHIL BHARATIYA SAHITYA PARISHAD:
अखिल भारतीय साहित्य परिषद || AKHIL BHARATIYA SAHITYA PARISHAD:
रात रात भर किहन तरोगा हम जेखे अगुवानी मा।
बड़े सकारे मरे मिले उई एक चुल्लू भर पानी मा ।।
खुब पैलगी होथी जेखर औ समाज मान हबै।
उनही सॉझ के हम देखे हन गिरत भजत रसदानी मा। ।
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व्यंग्यकार के व्यंग सुनाकर आप अपने को हंसने से नहीं रोक पाएंगे #chitrako...
bagheli kavita मिलब सांझ के hemraj hans
बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...