बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
लेबल
अटल जी
अटलबिहारी।
अम्मा
आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
आदि शंकराचार्य
कवि मैथलीशरण शुक्ल
कवि रवि शंकर चौबे
कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
कुण्डलिया
खजुलैयां
खेल
गोस्वामी तुलसीदास
घटना
जनम दिन
जयराम शुक्ल जी
तीजा
दीपावली
दोहा
नवरात्रि
परसुराम
फागुन
बघेली कविता
बघेली कुण्डलिया
बघेली गीत
बघेली छंद
बघेली दोहा
बघेली बाल गीत
बघेली मुक्तक
भेड़ा
मतदान
मुक्तक
मुक्तक बघेली
लक्ष्मण सिंह परिहार लगरगवाँ
लोकरत्न कक्का
शम्भू काकू
स्वागत
हरछठ
B.J.P.
bagheli
bagheli ghajal
BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
bagheli kavita
bagheli muktak
CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
GANESH PUJAN
MAIHAR DHAM
MAIHAR STATE
sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
रविवार, 14 अगस्त 2022
बघेली मुक्तक
घर घर मा फहरान तिरंगा, अमरित परब अजादी के।
होइगे पछत्तर बरिस देस के सब का गरब अजादी के।।
बंदेमातरं राष्ट्र मंत्र से गूंज उचा चप्पा चप्पा
देस बंदना जनगणमन से अस्तुति करब अजादी के।।
सोमवार, 18 जनवरी 2021
हंस के दोहे
गौरवशाली कुर्सियां, बदमिजाज आसीन।
समझ रहे वे स्वयं की, मेधा दक्ष प्रवीन।।
रविवार, 3 जनवरी 2021
»
AAPAN BOLI BANI LAGAY MANAS KAI CHAUPAI
मंगलवार, 6 अक्तूबर 2020
दहसत माही कलम ही
दहसत माही कलम ही, कागद करै रिपोट।
राजनीत कब तक करी, गुंडन केर सपोट।।
शनिवार, 12 सितंबर 2020
भारत रत्न प्रणव मुखर्जी
पितर पाख
पुरखन के सम्मान का पितर पाख है सार।
जे हमका जीबन दइन उनखे प्रति आभार।।
लालू रिसान
चक्की पीसैं के निता लालू धधे रिसान।
ताकी जनता का मिलै ठाहर सुद्ध पिसान।।
भांज नही मिलै
अब एक रुपिया कै भांज नही मिलै।
गिरे के बाद भुंइ मा गाज नही मिलै।।
उंइ अब चुल्लू भर पानी लये ठाढ हें
पै बूड़ै का अटकर अंदाज नही मिलै।।
पुरखा
पुरखा हमरे निता घोंसला बनाऊथे।
रिबाज समाज का हौसला बढ़ाऊथें।।
हम पुरखन के करतब्ब कै बंदना करी थे
ता उंई तर्पन सराध का ढकोसला बताऊथें।।
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
व्यंग्यकार के व्यंग सुनाकर आप अपने को हंसने से नहीं रोक पाएंगे #chitrako...
bagheli kavita मिलब सांझ के hemraj hans
बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...