शनिवार, 12 सितंबर 2020

भांज नही मिलै

अब एक रुपिया कै भांज नही मिलै। 
गिरे के बाद भुंइ मा गाज नही मिलै।। 
उंइ अब चुल्लू भर पानी लये ठाढ हें
पै बूड़ै का अटकर अंदाज नही मिलै।। 

पुरखा

पुरखा हमरे निता घोंसला बनाऊथे। 
रिबाज समाज का हौसला बढ़ाऊथें।। 
हम पुरखन के करतब्ब कै बंदना करी थे 
ता उंई तर्पन सराध का ढकोसला बताऊथें।। 

अम्मा

अम्मा अपने आप मा सबसे पाबन ग्रंथ। 
माता से बढि के नही कउनौ ज्ञानी पंथ।। 

हिन्दी

बपुरी आज बसिन्दी होइगै। 
फाट के चिन्दी चिन्दी होइगै।। 
बिना काज  कै महतारी अस 
भासारानी  हिन्दी होइगै।। 

यूरिया गोल!!

काहू का घंटा बजै औ काहू का ढोल। 
पै किसान के खेत से होइगै यूरिया गोल।। 

बुधवार, 19 अगस्त 2020

करोना

नीच चीन के पाप का, देस रहा है भोग। 
रजधानी से गाँव तक बगरा छुतिहा रोग।। 

कहां बची केसे बची, लुकी कहां ठे ओंट।
पेट धंधा से लगि रहा, हमी करोना छोटे।। 

रविवार, 16 अगस्त 2020

भारत रत्न अटल जी

भारत माता के रतन लाड़िल अटल लोलार। 
जन जन के हिरदय बसें दीन्हिस देस दुलार।। 

अटल बिहारी देस के उज्जर एक चरित्र। 
उनखे अस को देस मा भला बताबा मित्र।। 

भारत के नेतन निता अटल एक इसकूल। 
देस देय श्रद्धांजली सादर आंखर फूल।। 

उनही सौ सौ नमन Bagheli kavita hemraj hans

उनही सौ सौ नमन जे कीन्हिन जीबन हूम। 
बंदे मातरं बोल के गें फाँसी मा झूम।। 

जिनखे माथे पूर भा आजादी का जग्ग। 
हम भारत बासी हयन उनखर रिनी कृतग्ग।।