बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
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अटल जी
अटलबिहारी।
अम्मा
आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
आदि शंकराचार्य
कवि मैथलीशरण शुक्ल
कवि रवि शंकर चौबे
कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
कुण्डलिया
खजुलैयां
खेल
गोस्वामी तुलसीदास
घटना
जनम दिन
जयराम शुक्ल जी
तीजा
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बघेली कुण्डलिया
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भेड़ा
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मुक्तक
मुक्तक बघेली
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हरछठ
B.J.P.
bagheli
bagheli ghajal
BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
bagheli kavita
bagheli muktak
CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
GANESH PUJAN
MAIHAR DHAM
MAIHAR STATE
sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
गुरुवार, 14 मई 2015
जब बादल को खतरा वे बताते है मोर से। ।
मुक्तक
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टीस उठती है तन के पोर पोर से।
जब बादल को खतरा वे बताते है मोर से। ।
ये मेरे देश की विडंबना है दोस्तो
हम देश भक्ति सीखते है भष्टों से चोर से।।
हेमराज हंस ----9575287490
बुधवार, 13 मई 2015
घंटाघर कस घडी नसान रहत्या है। ।
मुक्तक
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जब देखा तब रिसान रहत्या है।
घंटाघर कस घडी नसान रहत्या है। ।
पहिले अस प्रेम अपना का फसफसाय नही
घुटकी भर पी के बसान रहत्या है। ।
हेमराज हंस
पंडित दीनदयाल का बिखरे न अभियान। ।
दोहा
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चाहे ये सत्ता रहे या कि और विधान।
पंडित दीनदयाल का बिखरे न अभियान। ।
हेमराज हंस
आंसू क्रंदन का यहां मत कीजै व्यापार।
दोहा
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आंसू
क्रंदन का यहां मत कीजै व्यापार।
अन्य दिशा में मोड़िये राजनीति की धार। ।
हेमराज हंस
लकड़ी से दीमक की सहानुभूति देखिये
मुक्तक
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कोठी
मढ़ैया से यारी कर रही है।
लगता है चुनाव की तैयारी कर रही है। ।
लकड़ी से दीमक की सहानुभूति देखिये
खोखला कर के चित्रकारी कर रही है। ।
हेमराज हंस 9575287490
baghelisahitya
मंगलवार, 12 मई 2015
पेटे मा दाना नही मुंह मा दाबे पान। ।
दोहा
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हमरे हियाँ गरीब कै अजब निराली शान।
पेटे मा दाना नही मुंह मा दाबे पान। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
BAGHELI SAHITYA: ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
: मुक्तक -------------------------------------- ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है। घोटालों के फरार जुर्मी सलेण्डर हो रहे है। ...
ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
मुक्तक
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ऐतिहासिक तारीखों के कैलेंडर रो रहे है।
घोटालों के फरार जुर्मी सलेण्डर हो रहे है। ।
लगता है प्रगति की टांग तोड़ी जायेगी
देश में बैसाखियों के टेण्डर हो रहे है। ।
हेमराज हंस ---9575287490
मुक्तक
सदा गरीबों ने लड़ा लोकधर्म का युद्ध।
पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
हेमराज हंस
सदा गरीबों ने लड़ा लोकधर्म का युद्ध।
पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
हेमराज हंस
BAGHELI SAHITYA: पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
BAGHELI SAHITYA: पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। ।
: दोहा सदा गरीबों ने लड़ा लोकधर्म का युद्ध। पर कुलीन की कोख से आये सब दिन बुद्ध। । हेमराज हंस
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जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...